Thursday 12 January 2012

हरिद्वार की यात्रा

2010 मे मै और मैरा परिवार पहली बार हरिद्वार गए।हम मैरी माँ के गाव दाहा से 9 बजे के करीब हरिद्वार के लिए निकले।रस्ते मे हम बहुत मजे किए,साथ ही हमने कई तरह कि चिडिया और पेड देखे,सच मे वहा कि सुंदरता मन को मोह लेने वाली थी।उत्तराखंद वैसा नही था जैसा मैनै सोचा था।12 बजे हम वहा पहुचे।
कुंब का मेला लगा था ईसलिए वहा काफी भीड़ थी।हम सबसे पहले हर की पैडी पर गंगा स्नान करने गए।
जब हम हर की पैडी से निकले तो मैरे पिताजी की चप्पल चोरी हो इसलिए हम वहा के बाजार गए।वहा से चप्पल खरीदकर हम सबने सामने वाली दुकान से कूलफी